Dehradun News जिलों में अगर सरकारी जमीन पर कोई अतिक्रमण होता है तो इसके लिए जिला प्रशासन जिम्मेदार होगा. नए अतिक्रमण के लिए जिला स्तर पर अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में ये निर्देश दिये गये.
पिछले दिनों मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू की अध्यक्षता में विभिन्न विभागों की संपत्तियों पर अतिक्रमण रोकने और हटाने को लेकर बैठक हुई थी. जिसके मिनट्स जारी कर दिए गए हैं. बैठक में बताया गया कि सरकारी संपत्तियों पर अतिक्रमण एवं अनाधिकृत कब्जे की वास्तविक स्थिति पीएएम पोर्टल पर अपलोड की जा रही है। जिला स्तर पर मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से संपत्तियों का सीमांकन किया जा रहा है। मौके पर हुई एक अलग बैठक में पुसैक निदेशक ने यह मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया कि घटनास्थल की स्थिति सरकारी दस्तावेजों में अंकित सरकारी जमीन से अलग है. स्पष्टता के अभाव में कई पैनल विभिन्न अदालतों में लंबित हैं। मुख्य सचिव ने नोडल संस्था राजस्व परिषद को सक्रिय होने के निर्देश दिये ताकि इस समस्या का समाधान हो सके।
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यह बताया गया है कि पेरिसाइट्स की निगरानी के लिए उपग्रह डेटा आधारित VACH एप्लिकेशन की निगरानी की गई है, जिसके लिए सहयोगियों को समग्र आवासीय और पैनलिस्ट प्रदान किए गए हैं। बैठक में मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि अपने-अपने स्मारकों में आरक्षण सभी मानकों के अनुरूप पूरा करें. एक ऐसी समस्या, जिसमें लोग कई सालों से जी रहे हैं, उसे सुलझाने निकल पड़े। जिले में जो भी व्यवस्थाएं की जाएंगी उसकी जिम्मेदारी सीधे तौर पर जिला प्रशासन की होगी। नए निर्णयों को लेकर जिला स्तरीय अधिकारियों से संबंधों को अंतिम रूप दिया जाएगा।
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