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Uttarakhand News: परगना बधाण की माँ नंदा लोकजात यात्रा रात्रि पड़ाव के लिए चेपड्यों गांव पहुंची।

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Uttarakhand News: हर वर्ष आयोजित होने वाली परगना नंदाक बधाण की प्राचीन मां नंदा देवी राजराजेश्वरी लोकजात यात्रा आज सुबह सूना गांव में पूजा अर्चना के बाद थराली गांव, कोटडीप, थराली मुख्य बाजार, केदारबगड़, राडीबगड़ होते हुए रात्रि विश्राम के लिए चेपड्यो गांव पहुंच गई है।





मां नंदा की मूर्ति पालकी का थराली में भव्य स्वागत किया गया, थराली मुख्य बाजार में स्थानीय लोगों ने नंदा भक्तों पर पुष्प वर्षा की तथा जगह-जगह भोजन वितरण व जलपान आदि का भी आयोजन किया गया, इस अवसर पर मां नंदा की मूर्ति पालकी का रामलीला मैदान थराली में देवी भक्तों द्वारा चचड़ी नृत्य कर भव्य स्वागत किया गया, लोकजात यात्रा में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु जुटे, मां नंदा की जय के जयकारों के साथ नंदा लोकजात यात्रा रात्रि विश्राम के लिए आज रात चेपड्यो पहुंच गई है।





नंदा लोकजात यात्रा इस वर्ष 23 अगस्त को मां नंदा देवी राजराजेश्वरी के मायके सिद्धपीठ कुरुड़ से शुरू हुई थी। यह विभिन्न पड़ावों से होते हुए 17 सितंबर को मां नंदा देवी राजराजेश्वरी के मायके सिद्धपीठ देवराड़ा में संपन्न होगी। मां नंदा देवी की विग्रह डोली छह माह तक सिद्धपीठ देवराड़ा में विराजमान रहेगी।


नंदा लोकजात यात्रा के बारे में पौराणिक मान्यता है कि यह मां नंदा देवी राजराजेश्वरी के मायके सिद्धपीठ कुरुड़ से मां नंदा देवी के ससुराल व मायके तक की यात्रा का वृत्तांत है, जिसमें भक्त मां नंदा का स्वागत करते हैं तथा गीत गाकर, पूजा-अर्चना कर व उपहार भेंट कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

 

नंदा लोकजात यात्रा हर वर्ष आयोजित की जाती है, जबकि नंदा राजजात यात्रा 12 वर्ष में एक बार चौसिंगा खांडू (चार सींग वाले बकरे का बच्चा) के जन्म पर आयोजित की जाती है।

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