हलद्वानी : आवारा जानवरों का आतंक अब चरम पर पहुंच गया है। अब ग्रामीणों के सामने अपनी जान और फसल दोनों को बचाने का सवाल है. दूसरी ओर सिस्टम के हुक्मरान फाइलों में कुंडली मारे बैठे हैं। कुमाऊं का सबसे बड़ा शहर हलद्वानी हो या उसके आसपास का इलाका, हर जगह आवारा जानवरों का कहर है।
कुछ साल पहले तक किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि आवारा जानवर लोगों की असामयिक मौत का कारण बन जाएंगे। एक के बाद एक जानवरों के हमलों से हो रही मौतों और किसानों की फसलें बर्बाद होने के बावजूद जनकल्याण का वादा करने वाले शासक और व्यवस्था में शामिल अधिकारीगण अपने दफ्तरों में कुंडली मारकर बैठे नजर आ रहे हैं।
जानवरों के हमले से लगातार हो रही मौतों और फसलों के पूरी तरह बर्बाद होने के बावजूद जिम्मेदार पदों पर बैठे अधिकारी कुंभकरणी नींद में हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सिस्टम को पता नहीं और कितनी मौतों का इंतजार है.
आवारा जानवरों का सबसे ज्यादा प्रभाव इन दिनों लालकुआं विधानसभा में है। एक दिन पूर्व ही आवारा जानवर ने अपने सींग को एक युवक की छाती से आर पार कर उसे दर्दनाक रूप से मौत के घाट उतार दिया। आज फिर दिना ग्राम सभा में आवारा पशुओं ने आतंक मचाया है। लगभग हर क्षेत्र में आवारा जानवरों का इसी प्रकार हाल है। लेकिन अब ग्रामीण भी सिस्टम को कोसते-कोसते थक गए हैं।
आज दिना ग्राम सभा के ग्रामीणों ने उनकी फसल चौपट होते देख, अधिकारी और हुक्मरानों के भरोसे को छोड़ खुद गौशाला में आवारा जानवरों को पहुंचाया है। पूर्व प्रधान वी डी खोलिया ने बताया कि ग्रामीणों ने 15 से अधिक आवारा पशुओं को गोधाम पहुंचाया है। पर ग्रामीणों के जहन में सवाल अब भी वही उठ रहा है । की कुर्सी में बैठे जिम्मेदार लोग अब और कितनी मौत का इंतजार कर रहे हैं….??