उत्तराखंड: पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में कई लोकपर्व मनाए जाते हैं, जिनमें से एक है हरेला। हरेला की खास बात यह है कि यह सावन के महीने में मनाया जाता है। इस त्यौहार में प्रकृति की पूजा की जाती है और पौधे भी लगाए जाते हैं। इस तरह यह त्यौहार पर्यावरण संरक्षण से जुड़ा हुआ है। इस साल राज्य में हरेला त्यौहार 16 जुलाई को मनाया जाएगा।
हरेला त्यौहार खास तौर पर राज्य के कुमाऊं मंडल में मनाया जाता है। इस साल सावन 22 जुलाई से शुरू होने जा रहा है, लेकिन उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में सावन का महीना हरेला त्यौहार से शुरू होता है। इस साल हरेला त्यौहार 16 जुलाई को है। आइए जानते हैं हरेला त्यौहार क्यों खास है।
हरेले से मानी जाती है सावन की शुरुआत
पहाड़ी राज्य में हरेला को सावन की शुरुआत माना जाता है। उत्तराखंड का प्रसिद्ध लोकपर्व हरेला यहां के कुमाऊं मंडल में मनाया जाता है। कुमाऊं में हरेला को श्रावण या सावन महीने और वर्षा ऋतु की शुरुआत माना जाता है। इस दिन प्रकृति की पूजा की जाती है। हरेला का मतलब है हरा-भरा होना। इसलिए हरेला पर्व पर यहां पौधरोपण भी किया जाता है।
हरेला 5, 7 या 9 दानों को मिलाकर बोया जाता है
हरेला पर्व के दौरान स्थानीय लोग विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। इस दौरान हरेला से 9 दिन पहले 2 मिट्टी या बांस के गमलों में 5, 7 या 9 अनाज मिलाकर बो दिए जाते हैं। इन गमलों को घर के मंदिर में रखा जाता है। इस दौरान हरेला को लगातार पानी पिलाया जाता है। दो से तीन दिन में हरेला अंकुरित हो जाता है। 9 दिन बाद 10वें दिन जब हरेला पर्व का दिन आता है तो परिवार का सबसे बड़ा सदस्य हरेला काटता है। इस दिन विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है और लोग सबसे पहले अपने इष्ट देवता को हरेला अर्पित करते हैं। पूजा में परिवार की खुशहाली, पशुओं की रक्षा, समृद्धि आदि की कामना की जाती है। हरेला पूजन के बाद परिवार घर के अन्य सदस्यों को हरेला पूजन कर आशीर्वाद देता है।
हरेला पर्यावरण संरक्षण से जुड़ा है
हरेला को लेकर धार्मिक मान्यता है कि अनाज की कोमल पंखुड़ियां परिवार के सदस्यों के बीच रिश्तों में निकटता और मधुरता बनाए रखती हैं। हरेला को लेकर यह भी मान्यता है कि जितना ज़्यादा बोया गया हराला उतना ही ज़्यादा उगेगा। हरेला पूजा के बाद लोग अपने घरों और आस-पास की खाली जगहों पर पौधे भी लगाते हैं। यह लोकपर्व पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा देता है।
⇒ यह भी पढ़ें : उत्तराखंड: सम्पूर्ण राज्य में भारी बारिश का अलर्ट, सतर्क रहने की हिदायत