किसी भी लड़की के लिए युवा अवस्था वह समय होता है जब उसका शरीर ओवरी द्वारा उत्पन हुए हार्मोन की वजह से बदल रहा होता है । आमतौर पर 8 और 13 वर्ष की उम्र में यह शुरू होता है और इसमें स्त्री के स्तनों का विकास, गुप्तांग और बगलों में बाल आना और स्तनों के आकार में बढ़ोतरी होने लगती है । इस द्वारान आप यह भी महसूस हो कि आपके शरीर में कोई गंध है और हार्मोन के असर से आपके गुप्तांग क्षेत्र से कुछ बहाव होना शुरु होता है ।
आमतौर पर किसी लड़की के पीरियड्स का समय स्तन की बढ़ोतरी के लगभग 2 से 3 साल बाद शुरू होता है । मासिकचक्र पहले उन लड़कियों में शुरू हो सकता है जिनका वजन ज्यादा हैं और बाद में उन लड़कियों में जो कम वजन की हैं या फिर वह लड़कियां जो खेल, नृत्य, जिमनास्टिक या ट्रैकिंग जैसी गतिविधियों में शामिल रहती हैं ।
हाइलाइट
Toggleजानिए पीरियड्स Periods के बारे में कुछ रोचक और जरूरी तथ्य:
यदि आपका पीरियड Periods मिस हो गया या लेट हो गया है और आप इस चिंता में हैं कि किसी वजह से आप प्रेग्नेंट न हो जाएं । तो आपके लिए यह जानना ज़रुरी है कि पीरियड्स Periods मिस या लेट होने के और भी बहुत से कारण होते हैं। जैसे :
• तनाव : पीरियड्स मिस या लेट तनाव की वजह से भी हो सकता है, जिसके कारण पीरियड्स में देरी हो जाती है । एक शोध के अनुसार किसी विषय के बारे में बहुत अधिक सोचने से भी ऐसा हो सकता है।
• रजोनिवृत्ति/ मेनोपॉज Menopause: वैसे 45 वर्ष की उम्र के बाद ही मेनोपॉज होता है, परंतु कभी-कभी ये महिलाओं में जल्दी भी हो जाता है । महिलाएं अगर बर्थ-कंट्रोल पिल्स का अधिक सेवन करती हैं, तो भी पीरियड्स साइकल पूरी तरह बिगड़ सकती है।
• पॉलिसिसटिक ओवरी सिंड्रोम(PCOS): यदि किसी महिला में पॉलिसिसटिक ओवरी सिंड्रोम की शिकार है, तो इस कारण भी पीरियड्स Periods में रुकावट आ सकती है। ऐसे केस में कईं बार महिलाओं की छाती (Breast)और चेहरे पर बाल भी आ जाते हैं।
• वज़न घटना और बढ़ाना : यदि किसी महिला ने दवाइयों की मदद से अपने वज़न को घटाया या बढ़ाया है तो इससे उसकी पीरियड साइकिल पर भी बहुत प्रभाव पड़ सकता है।
• थायराइड (Thyroid ): अगर किसी महिला को थायराइड की समस्या है और थायराइड अचानक बढ़ने या घटने लगे तो इससे भी बहुत अधिक समस्या हो सकती है।
यह जरूर जानें पीरियड्स में क्या नहीं करना चाहिए ?
महीने के पीरियड वाले कुछ दिन हर महिला के लिए बहुत अलग होते हैं । कुछ महिलाओं को तो इन दिनों में काफी पीड़ा सहनी पड़ती है तो वहीँ कुछ महिलाओं के लिए यह दर्द सामान्य होता है । लेकिन पीरियड्स के दिनों में लगभग हर लड़की या महिला बेचैन रहती है ।
पीरियड्स के समय में महिलाओं के शरीर में कई तरह के हॉर्मोनल बदलाव होते हैं। ऐसे में महिलाओं को अपने खानपान के साथ- साथ दूसरी बातों का भी ध्यान रखना चाहिए । ऐसे काम, जो पीरियड्स के दौरान नहीं करने चाहिए।
• असुरक्षित संबंध न बनाएं:
अक्सर महिलाएं पीरिड्स के दिनों में भी सैक्स करती हैं और उनका मानना होता है कि इनदिनों में प्रेग्नेंसी नहीं होगी । ऐसा भूलकर भी नहीं सोचना चाहिए कि पीरियड्स में आप गर्भवती नहीं हो सकती हैं । पीरियड्स में भी प्रेग्नेंसी की संभावनाएं बनी रहती हैं और इसके साथ ही किसी तरह के इंफेक्शन से बचने के लिए भी इस दौरान संबंध बनाने से बचना चाहिए । यदि आप सम्बन्ध बनाते भी हैं तो आपको कंडोम का स्तेमाल करना चाहिए।
• खाना न छोड़ें:
पीरियड्स में भोजन छोड़ना जोखिमभरा हो सकता है । यह आपके लिए बहुत आवश्यक है कि आप सही मात्रा में भोजन करें । इस बात का ख्याल आपको होना चाहिए की इस दौरान शरीर काफी कमजोर हो जाता है । ऐसे में खाना कम खाना या खाना छोड़ देना आपके लिए भारी पड़ सकता है । कोशिश करें कि आप जो भी खाएं, उसमें प्रोटिन, कैल्शियम और विटामिन भरपूर मात्रा में हो ।
• शारीरिक तौर पर काम करने से बचें:
यदि पीरियड्स के दौरान आपको तेज दर्द हो रहा है या फिर आपकी पीठ में अकड़न हो रही है, तो इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आपको शारीरिक तौर पर काम नहीं करना है । जितना हो सके आराम करें और अगर काम इतना ही आवश्यक है तो काम को हल्के-हल्के करें । अगर ऐसा नहीं करने पर आपके शरीर का दर्द और अधिक बढ़ सकता है ।
क्या आप जानते हो पीरियड्स Periods कितने दिन के बाद होते हैं ?
एक स्वस्थ महिला को हर महीने में लगभग एक बार पीरियड्स आने की संभावना होती है। एक सामान्य मैन्सट्रुएशन Menstrual Cycle लगभग 28 दिनों का होता है। इसका मतलब है कि अवधि के पहले दिन से लेकर अगली अवधि के पहले दिन तक लगभग 28 दिन होंगे । 28 दिन एक औसत संख्या है, लेकिन पीरियड्स का होना 21 से 35 दिनों के बीच भी सामान्य है।
पीरियड्स के द्वारान खून निकलने या बहने की मात्रा हर दिन अलग-अलग होती है। आमतौर पर शुरुआती पीरियड्स में सबसे अधिक खून निकलता है और अंत में सबसे कम होता है । जब लड़कियों को पहली बार पीरियड्स होते हैं, तब उनकी बहुत हैवी पीरियड्स साइकल हो सकती हैं और अगले में यह बहुत हल्की हो सकती है।
जब आपके पहला पीरियड्स शुरू हों तब आप उस उम्र में हो सकती हैं जब आप कॉलेज जा रही हों । पीरियड्स उसके पहले या दूसरे साल में हो सकते हैं या आप उन लड़कियों में से एक हो सकती हैं, जिनके पीरियड्स बॉडी वेट या डाइट में बदलाव, स्ट्रेस, ईटिंग डिसऑर्डर, हॉर्मोन असंतुलन, एक्सरसाइज, बीमारी या दूर जाने से प्रभावित हो सकते हैं । जबकि एक लड़की के लिए यह सामान्य है कि उसे एक या दो साल तक अनियमित पीरियड्स शुरु हों।
जब भी आप अपने सालाना चेक-अप के लिए जाती हैं तो अपने पीरियड कैलेंडर या ऐप को अपने डॉक्टर से जरूर साझा करना चाहिए । यदि आपके पीरियड्स के दूसरे साल में पीरियड्स 6 बार से कम है या उसके एक साल बाद 8 बार से कम है, तो इसका कारण तनाव, ज्यादा एक्सरसाइज़, वजन कम होना या खान पान हो सकता है । यदि आपके पीरियड्स के बीच 35 से अधिक दिन का अंतर हैं तो आपको अवश्य ही जांच करानी चाहिए।
आपको अपने पीरियड्स की जानकारी अवश्य होनी चाहिए !
निसंदेह ही आपको अपने पीरियड्स की जानकारी होनी चाहिए आपके पीरियड कब शुरू होते है और कब रुकते हैं, यह देखने का एक अच्छा तरीका यह है कि आप यह नोटिस कर लें कि आपकी मैन्सट्रुअल साइकल का कोई पैटर्न है या नहीं। यह लिखना भी महत्वपूर्ण है कि आपके पास कितने दिनों के पीरियड्स हैं और आपके खून के बहाव की मात्रा क्या है । जब आप यह देखते हैं तो अपने पीरियड ट्रैकर्स को अपने साथ रखिये ताकि वह आपकी मैन्सट्रुअल साइकल का पता लगा सके।
मासिक पीरियड्स और लक्षण का माप दंड:
जब भी आप पीरियड्स हों आप महिने के पीरियड्स और लक्षण ट्रैकर का प्रिंट आउट अवश्य लें, यह आपके मैन्सट्रुअल खून के बहाव को ट्रैक करने का एक आसान तरीका है, यहां तक कि यह हर महीने की ऐंठन और पीरियड्स के लक्षणों पर नज़र रखने का भी एक बेहतरीन तरीका है । लड़की को किस उम्र में पीरियड्स शुरू होगा, यह कई बातों पर निर्भर करता है।
निष्कर्ष:
किसी भी लड़की के पीरियड्स इस बात पर निर्भर करता है कि उसके जीन्स, खान-पान, रहन-सहन, वह स्थान जहां वो रहती है, उस स्थान की ऊंचाई कितनी है इत्यादि। पीरियड्स या मासिक धर्म हर महीने में एक बार आते हैं । यह एक साइकल है जो सामान्य तौर पर 28 से 35 दिनों के लिए होती है । लड़की जब तक गर्भवती न हो जाए यह प्रक्रिया हर महीने चलती है और इसी कारण 28 से 35 दिनों के बीच नियमित तौर पर पीरियड्स या माहवारी होती है। कुछ लड़कियों या महिलाओं को माहवारी 3 से 5 दिनों तक रहती है, तो कुछ को 2 से 7 दिनों तक हो सकती है।