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उत्तराखंड: 52 हजार से अधिक वोटरों को 55 लोकसभा प्रत्याशियों में से कोई भी नहीं लगा योग्य , किया नोटा का प्रयोग

उत्तराखंड

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उत्तराखंड, देहरादून: 4 जून को लोकसभा के नतीजे घोषित हुए जिसमें भाजपा ने राज्य की सभी पांचों सीटों पर जीत दर्ज की और भारतीय जनता पार्टी देश में सरकार बनाने जा रही है। लेकिन उत्तराखंड में 52 हजार से ज्यादा मतदाताओं को 55 लोकसभा उम्मीदवारों में से कोई भी उम्मीदवार उपयुक्त नहीं लगा और उन्होंने नोटा का इस्तेमाल किया।

18वीं लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तराखंड की पांचों सीटों पर करीब 56 फीसदी मतदान हुआ। लेकिन इस बार राज्य के 52,630 मतदाताओं ने नोटा यानी उपरोक्त में से कोई नहीं का इस्तेमाल किया। उन्हें 55 लोकसभा उम्मीदवारों में से किसी भी पार्टी या निर्दलीय उम्मीदवार पसंद नहीं आया। लोकतंत्र जनता को यह अधिकार देता है कि अगर आपको कोई उम्मीदवार योग्य या योग्य नहीं लगता तो आप नोटा का इस्तेमाल करके उसका बहिष्कार कर सकते हैं।

सबसे ज्यादा 16,697 मतदाताओं ने अल्मोड़ा जिले में नोटा का बटन दबाया। उसके बाद गढ़वाल में 11,224, फिर नैनीताल में 10,425, टिहरी में 7458 और हरिद्वार में 6826 मतदाताओं ने नोटा का प्रयोग किया। ईवीएम के साथ ही मतदाताओं के डाक मतपत्रों में भी नोटा वोट डाले गए, जिसमें हरिद्वार के डाक मतपत्रों में 163, नैनीताल के डाक मतपत्रों में 198 और टिहरी के डाक मतपत्रों में 154 मतदाताओं ने नोटा को वोट दिया। सबसे ज्यादा नोटा का प्रयोग अल्मोड़ा और गढ़वाल सीट पर हुआ। अल्मोड़ा में 2.56 फीसदी और गढ़वाल में 1.57 फीसदी मतदाताओं ने नोटा दबाया।

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