उत्तराखंड समाचार: 19 जुलाई 2023 को चमोली करंट हादसे में मृतकों के परिजन अपने हक के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हो गए हैं, जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना दे रहे पीड़ितों को प्रशासन द्वारा सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन दिखाकर जबरन परिसर से हटाया जा रहा है। आपको बता दें कि 19 जुलाई 2023 को चमोली अलकनंदा नदी के किनारे नमामि गंगे परियोजना के एसटीपी प्लांट में करंट हादसे में 16 लोगों की असामयिक मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद सरकार ने 7-7 लाख रुपए देने की घोषणा की थी, जो पीड़ितों को मिल चुके हैं। उस समय पीड़ितों की मांग के अनुसार परिवार के एक सदस्य को अस्थाई नौकरी देने का भी वादा किया गया था, एक साल तक पीड़ित परिवार उस दर्द से उबर नहीं पाया, लेकिन इस दौरान सरकार और प्रशासन ने पीड़ितों के लिए रोजगार के मामले में कोई निर्णय नहीं लिया। ऐसे में पीड़ित परिवार आंदोलन करने को मजबूर हुआ।
वे तीन दिन से जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर धरना दे रहे हैं। पीड़ित परिवारों की मांगों को सुनने के बजाय प्रशासन अब नियम-कायदों का हवाला देकर प्रदर्शनकारियों को धरना स्थल से हटाने की कोशिश कर रहा है। उप जिलाधिकारी चमोली आरके पांडे पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और पीड़ित परिवारों को नियम-कायदों की प्रतियां समझाना शुरू कर दिया। ऐसे में गुस्साए पीड़ितों का कहना है कि एक साल पहले हुई घटना के बाद क्या नियम-कायदे थे और उस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों पर क्या कार्रवाई की गई।
पीड़ित परिवारों में से एक महेश कुमार का कहना है कि उस घटना में उन्होंने अपना पूरा परिवार खो दिया। उनका कहना है कि उनके पिता और दो भाई बिजली के करंट की चपेट में आकर मारे गए। परिवार गहरे दुख में है। ऐसे में परिवार के लिए आजीविका कमाना उनकी मां के लिए चुनौती बन गया है।
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