Uttarakhand News देहरादून: डॉक्टर ने बताया कि पिछले सप्ताह ऑपरेशन के बाद भ्रूण को निकाल दिया गया और अब प्रभावित बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है। ऑपरेशन के चार दिन बाद उसे अस्पताल से छुट्टी देकर घर भेज दिया गया।
देहरादून के स्वामी राम हिमालयन मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. संतोष सिंह ने बताया कि 7 माह के बच्चे का पेट अचानक बढ़ने पर परिजन उसे अस्पताल लेकर आए। शुरुआती जांच में पेट में असामान्य गांठ का संदेह हुआ, लेकिन एक्सरे से पता चला कि पेट में मानव भ्रूण है। परिजनों को पूरी जानकारी देने के बाद डॉक्टरों ने ऑपरेशन की योजना बनाई। पिछले सप्ताह सर्जरी कर भ्रूण को निकाल दिया गया और बच्चा अब पूरी तरह स्वस्थ है। ऑपरेशन के चार दिन बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। इस बीमारी को मेडिकल साइंस में ‘फीटस-इन-फीटू’ के नाम से जाना जाता है, जो बेहद दुर्लभ है। सामाजिक कारणों से प्रभावित बच्चे और उसके परिवार की पहचान गुप्त रखी गई है।
डॉ. संतोष सिंह ने बताया कि ‘फीटस-इन-फीटू’ एक बहुत ही जटिल और असामान्य घटना है, जिसमें एक भ्रूण दूसरे भ्रूण के अंदर परजीवी की तरह विकसित होने लगता है। इस स्थिति की पहचान अल्ट्रासाउंड के जरिए मां के गर्भ में ही की जा सकती है, लेकिन ज्यादातर मामलों में इसका पता जन्म के बाद ही चलता है। ऐसे मामले करीब 5 लाख गर्भधारण में से सिर्फ एक में ही देखने को मिलते हैं। आमतौर पर इस स्थिति का पता तब चलता है, जब एक से दो साल के बच्चे के पेट में असामान्य वृद्धि होती है।
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