लोकगायक प्रह्लाद मेहरा का निधन, हल्द्वानी के कृष्णा अस्पताल, में ली अंतिम सांस
Uttarakhand : उत्तराखंड के लोकगायक प्रह्लाद मेहरा का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है. कृष्णा हॉस्पिटल,हल्द्वानी में ली अंतिम सांस।
ओ हिमा जाग, पहाड़क चेली ले-कभे नी खाए द्वी रोटी सुख ले जैसे गानों को आवाज देने वाले मशहूर लोक गायक प्रह्लाद मेहरा का निधन हो गया है। उनका निधन हल्द्वानी के कृष्णा अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से हुआ। वह 53 वर्ष के थे.
प्रह्लाद मेहरा का जन्म सीमांत जिले पिथौरागढ़ के मुनस्यारी में हुआ था। उन्हें बचपन से ही गाने बजाने का शौक था और उन्होंने अपने इसी शौक को अपना करियर बना लिया। वर्ष 1989 में उन्हें ऑल इंडिया रेडियो के ए ग्रेड आर्टिस्ट का दर्जा दिया गया।
प्रह्लाद मेहरा ने 150 से ज्यादा गानों को अपनी आवाज दी थी. पहाड़क चेली ले – काबे नी खाए द्वी रोटी सुख ले, चांदी बटना दाज्यू, मेरी मधुली, का छ तेरो जलेबी को दब, ओ हिमा जाग, कुर्ती कॉलर मा, ईजा मेरा दानपुरा जैसे गाने शामिल हैं। उनके निधन पर लोक कलाकारों ने गहरा दुख व्यक्त किया है.
लोकगायक प्रह्लाद मेहरा के निधन पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शोक व्यक्त किया है.
प्रदेश के सुप्रसिद्ध लोक गायक श्री प्रह्लाद मेहरा जी का निधन लोक संगीत जगत के लिए अपूरणीय क्षति है।
प्रह्लाद दा ने लोक संगीत के माध्यम से हमारी संस्कृति को विश्व पटल पर पहचान देने का अविस्मरणीय कार्य किया। आपके द्वारा गाए गए गीत सदैव देवभूमि की संस्कृति को आलोकित करेंगे।
ईश्वर… pic.twitter.com/Z9uDyaKt6M
— Pushkar Singh Dhami (Modi Ka Parivar) (@pushkardhami) April 10, 2024