उत्तराखंड हलद्वानी: एक पुरानी कहावत है कि आम फरियादी ही सिस्टम में पिस रहा है और इन दिनों जिले के सरकारी सिस्टम में आम फरियादी ही पिस रहा है। मामला मैदानी क्षेत्र की उन तहसीलों में प्रमाण पत्र बनाने का है जहां पिछले 26 तारीख से ऑनलाइन प्रमाण पत्र जारी किया जा रहा है। कोई कार्रवाई नहीं हुई, हालात यह हैं कि फरियादियों को तहसीलों के चक्कर लगाने को मजबूर होना पड़ रहा है, भीषण गर्मी में पूरे दिन तहसीलों में इंतजार करने के बावजूद उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ रहा है।
और जिम्मेदार अधिकारी अपने दफ्तरों में बैठकर कुंडली ताक रहे हैं। मामला यहीं रुक जाता तो अलग बात थी, लेकिन स्थिति और भी बदतर हो गई है, क्योंकि पिछले एक महीने से सर्टिफिकेट बनाने को लेकर जिला प्रशासन के असमंजस भरे फैसले के बाद कई अभ्यर्थी एलटी का फॉर्म नहीं भर पाए हैं. प्रमाण पत्र न बनने के कारण फार्म कई अभिभावक अपने बच्चों को आरटीई के तहत दाखिला दिलाने के लिए तरस रहे थे।
इन दिनों नैनीताल जिले की मैदानी तहसीलों में प्रमाण पत्र बनाने को लेकर काफी मारामारी मची हुई है। पिछले दिनों जिला प्रशासन की ओर से पटवारियों को नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उस नोटिस को भी नजरअंदाज कर दिया गया और फरियादियों को दिनभर गर्मी में तहसीलों के चक्कर लगाने पड़े। काटने को मजबूर किया जा रहा है. ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि जो व्यवस्था लोगों की सुविधा के लिए बनाई गई है, वही लोगों के उत्पीड़न का कारण बन रही है।
अभी भी बीएड सहित कई प्रतियोगी परीक्षाओं तथा विभिन्न बड़े विद्यालयों में प्रवेश परीक्षाओं के लिए छात्र-छात्राओं के प्रमाण पत्र बेहद आवश्यक हैं लेकिन इन फरियादियों की सुन तो कौन, जिसे सुनना है वह इनको धक्के खाने पर मजबूर कर रहे हैं। ऐसे में तहसीलों में चक्कर काट रहे फरियादियों की उम्मीदें दम तोड़ती नजर आ रही है, क्योंकि पहले ही कई अभ्यर्थी परीक्षाओं तथा अन्य प्रवेश में प्रमाण पत्र न होने के चलते वंचित हो चुके हैं। सेवा के अधिकार अधिनियम के चलते विगत 26 तारीख से अभी तक विभिन्न तहसीलों में सैकड़ो की संख्या में प्रमाण पत्र के ऑनलाइन आवेदन किए गए हैं। हल्द्वानी के तहसीलदार व लालकुआं के प्रभारी तहसीलदार सचिन कुमार ने बताया कि सोमवार को 147 प्रमाण पत्र हल्द्वानी तहसील में और 61 प्रमाण पत्र लालकुआं तहसील में पेंडिंग है। जबकि आवेदन की संख्या इसे कई ज्यादा है यह वह संख्या है जिनको प्रमाण पत्र न बने 14 दिन से अधिक हो गए हैं। ऐसी ही परेशानी चुनाव के समय भी लोगों को उठानी पड़ी थी। फिलहाल प्रशासन इसका क्या समाधान निकलेगा यह कहा नहीं जा सकता क्योंकि पिछले डेढ़ महीने से जिले में इसी प्रकार की स्थिति बनी हुई है और इसका पूरा खामियाजा विभिन्न भर्तियों में जाने वाले अभ्यर्थी, प्रवेश पाने वाले छात्र और अभिभावक और फरियादी झेल रहे हैं।