उत्तराखंड गैरसैंण : गैरसैंण विकासखंड के अंतर्गत ग्राम उजेटियां निवासी जवाहर सिंह पुत्र स्वर्ग गोविंद सिंह उम्र 40 वर्ष पर जंगल में बकरियां चराते समय भालू ने हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें ग्रामीणों द्वारा निजी वाहन से सीएचसी गैरसैंण ले जाया गया। जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत सिलंगा के उजेटिया गांव निवासी जवाहर सिंह रमोला निकटवर्ती गोगना गांव के जंगल में बकरियां चरा रहे थे, जहां दोपहर करीब डेढ़ बजे झाड़ियों में छिपे भालू ने अचानक उन पर हमला कर दिया। हमले के दौरान जब भालू उनके सिर पर झपटने का प्रयास कर रहा था, तो उन्होंने डंडे से प्रहार कर खुद को बचाया, लेकिन भालू ने उनका बायां हाथ पकड़ लिया, जो उसके नाखूनों और दांतों से बुरी तरह घायल हो गया। घायल अवस्था में भी जवाहर सिंह अपनी जान बचाने के लिए भालू से जूझते रहे। इस बीच भालू की दहाड़ सुनकर कुछ दूरी पर घास काट रही जमुना देवी पत्नी स्वर्गीय बलवंत सिंह निवासी ग्राम पंडुवा-सिमलखेत दौड़कर मौके पर पहुंची तो शोर मचाने पर भालू जंगल की ओर भाग गया, जिससे बड़ा हादसा टल गया।
घटना की सूचना पाकर निकटवर्ती उजेटिया व गोगना के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और घायलों को सड़क तक पहुंचाया। जहां से गोगना के पूर्व प्रधान वीरेंद्र नेगी घायल को अपने वाहन में लेकर गैरसैंण के लिए रवाना हुए। इस बीच हरसारी गांव के पास से घायल को 108 एंबुलेंस में शिफ्ट किया गया, जहां आवश्यक उपचार देने के बाद उसे सीएचसी गैरसैंण में भर्ती कराया गया। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अर्जुन रावत ने बताया कि घायल के बाएं हाथ में ज्यादा चोट है, जिस पर एक दर्जन से अधिक टांके लगाए गए हैं, जबकि कमर दर्द के बारे में एक्सरे के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। फिलहाल घायल की हालत खतरे से बाहर है। वन विभाग के रेंजर प्रदीप गौड़ ने बताया कि भालू के हमले में घायल ग्रामीण का उपचार सीएचसी में चल रहा है, जिसके उपचार का पूरा खर्च विभाग वहन करेगा। साथ ही घायल को मुआवजा भी दिया जाएगा। फिलहाल वन विभाग की टीम को मौके पर भेजकर गश्त कराई जा रही है, ताकि भालू गांव की ओर न आए, वहीं ग्रामीणों को भी एहतियात बरतने को कहा गया है।