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उत्तराखंड: 10वीं टॉपर 500 में से 500 लाने वाली प्रियांशी रावत ने डमी स्कूल से परीक्षा दी थी, अब मामले की जांच शुरू

पिथौरागढ़ | उत्तराखंड

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उत्तराखंड: उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं कक्षा की परीक्षा में टॉपर रहीं प्रियांशी रावत को डमी स्कूल से परीक्षा देनी पड़ी. पहाड़ की इस बेटी ने बोर्ड परीक्षा में 100 फीसदी अंक हासिल कर न सिर्फ उत्तराखंड बल्कि यूपी का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया, जिस स्कूल में उसने पढ़ाई की उसे 10वीं की मान्यता तक नहीं है. विभाग के अधिकारियों के मुताबिक राज्य में कई डमी स्कूल चल रहे हैं.


मामले की जांच कराई जाएगी। जेबीएसजीआईसी गंगोलीहाट पिथौरागढ़ की छात्रा प्रियांशी रावत ने संयुक्त मेरिट सूची में सर्वोच्च स्थान प्राप्त कर पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए और उत्तराखंड की 10वीं बोर्ड परीक्षा में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले छात्रों में अपना नाम दर्ज कराया। विभाग के अधिकारी पहले इसे सरकारी इंटरमीडिएट कॉलेज बता रहे थे, लेकिन अब उन्होंने कहा है कि यह गैर सरकारी स्कूल है. इसे एक डमी स्कूल बताया गया है.

जेबीएस जीआईसी गंगोलीहाट पिथौरागढ़ से था प्रियांशी का पंजीकरण

पिथौरागढ़ के मुख्य शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार के मुताबिक साधना पब्लिक स्कूल को केवल कक्षा आठ तक की मान्यता है। उम्मीद है कि इस वर्ष से स्कूल को 9वीं कक्षा की मान्यता मिल जायेगी.

प्रियांशी के लिए स्कूल में पढ़ने की व्यवस्था तो थी, लेकिन उसका रजिस्ट्रेशन जेबीएसजीआईसी गंगोलीहाट पिथौरागढ़ से था। अक्सर देखा गया है कि मान्यता न होने के कारण निजी स्कूल बच्चों को पढ़ाते तो अपने स्कूल में हैं, लेकिन उनका रजिस्ट्रेशन दूसरे स्कूलों में कराते हैं।

प्रदेश में कई डमी स्कूल चल रहे हैं, हरिद्वार जिले में भी ऐसे मामले हैं। इसकी जांच की जायेगी. – महावीर सिंह बिष्ट, निदेशक माध्यमिक शिक्षा

क्या होते हैं डमी स्कूल?

जहां छात्र को नियमित स्कूल छात्र के रूप में प्रवेश दिया जाता है लेकिन वह नियमित कक्षाओं में भाग नहीं लेता है। डमी स्कूल कोचिंग संस्थानों और गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों के साथ मिलकर काम करते हैं।

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