केदारनाथ अपडेट : केदारनाथ पैदल मार्ग पर बादल फटने के बाद पिछले पांच दिनों से मोर्चे पर डटे बचावकर्मियों ने अब तक 11775 लोगों को बचा लिया है। यात्रा पर आए तीर्थयात्री अपने बीच सेना के जवानों और बचावकर्मियों को पाकर भावुक हो गए। उन्होंने हाथ जोड़कर इन बचावकर्मियों और सेना के जवानों का आभार जताया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के अनुपालन में सचिव लोक निर्माण विभाग पंकज कुमार पांडे, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे और सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने सोमवार को केदारघाटी के प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके बाद उन्होंने प्रभावित स्थलों और मार्गों का स्थलीय निरीक्षण भी किया।
इस दौरान उन्होंने सोनप्रयाग से गौरीकुंड और गौरीकुंड से केदारनाथ के बीच क्षतिग्रस्त मार्गों का स्थलीय निरीक्षण किया और संबंधित विभागों के अधिकारियों से पुनर्निर्माण कार्यों के लिए समयबद्ध योजना बनाने पर चर्चा की, ताकि सभी कार्य बिना देरी के शुरू किए जा सकें। उन्होंने क्षतिग्रस्त सड़कों का जायजा लेते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच बह गई सड़क को बहाल करने के लिए प्राथमिकता के आधार पर कार्ययोजना तैयार कर तत्काल कार्य शुरू किया जाए। निरीक्षण के बाद वरिष्ठ अधिकारियों ने अधिकारियों के साथ 07 दिन में पैदल यात्रा को सुचारू करने के लिए विस्तृत कार्ययोजना पर चर्चा की। इसके लिए आवश्यक पुनर्निर्माण कार्यों का आगणन तैयार कर 2 से 3 दिन के भीतर कार्य शुरू करने के निर्देश दिए। इस दौरान वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि सड़कों व पैदल मार्गों के तेजी से निर्माण के लिए प्रत्येक साइट पर अलग से ठेकेदार को काम दिया जाए। प्रत्येक साइट पर एक एई व एक जेई की तैनाती की जाए। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि गौरीकुंड के पास घोड़ा पड़ाव के पास करीब 15 मीटर क्षेत्र बह गया है, इसके अलावा जंगलचट्टी में 60 मीटर हिस्सा बह गया है। उक्त दो साइटों पर कार्य करना सबसे अधिक चुनौतीपूर्ण होगा, इनके सहित कुल 29 साइटों पर कार्य किया जाना है। इस दौरान उच्चाधिकारियों ने प्रमुख क्षतिग्रस्त मार्गों पर निर्माण कार्य के लिए कम से कम पचास लोगों तथा कम क्षति वाले मार्गों व स्थानों पर 10 लोगों को तैनात करने के निर्देश दिए। इसके अलावा बड़े स्थलों पर पोकोलैंड तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही नदियों व नालों से हो रहे भू-कटाव को रोकने के लिए चैनलाइजेशन कार्य करने के निर्देश उच्चाधिकारियों ने दिए।
बचाव व खोज कार्य लगातार जारी है⤵️
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि 31 जुलाई 2024 को भारी बारिश के कारण केदारनाथ यात्रा मार्ग पर विभिन्न स्थानों पर फंसे यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए बड़े पैमाने पर खोज व बचाव अभियान चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री स्वयं इस अभियान की पल-पल निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने इस आपदा के कारण केदारनाथ व केदारनाथ यात्रा मार्ग पर फंसे लोगों के रेस्क्यू के लिए खोज, बचाव व राहत अभियान पूरी क्षमता से चलाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम में दिनांक 04.08.2024 को सायं 05:00 बजे तक केदारनाथ धाम से 138, भीमबली व लिंचोली से 2409 तथा चिड़बासा (गौरीकुण्ड) से 75 इस प्रकार कुल 2622 लोगों को एयरलिफ्ट किया जा चुका है। भीमबली व लिंचोली से लगभग 567 लोगों को चौमासी-कालीमठ होते हुए तथा गौरीकुण्ड से लगभग 7185 लोगों को सोनप्रयाग तक सुरक्षित पहुंचाया जा चुका है। इस प्रकार दिनांक 01.08.2024 से दिनांक 04.08.2024 तक कुल 10,374 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। उन्होंने बताया कि केदारनाथ मार्ग पर लगातार घने बादल छाये रहने के कारण बचाव कार्य में बाधा आ रही है, परन्तु आज दिनांक 05.08.2024 को प्रातः मौसम साफ होने के कारण भारतीय वायुसेना द्वारा उपलब्ध कराये गये चिनूक हेलीकॉप्टर द्वारा 02 चक्कर में 65 यात्रियों, एम.आई.-17 हेलीकॉप्टर द्वारा 03 चक्कर में 61 यात्रियों तथा स्टेट हेली द्वारा 10 यात्रियों को बचाया गया, इस प्रकार सोमवार को कुल 136 यात्रियों को बचाया गया, जिनमें बीमार, बुजुर्ग तथा महिलाएं शामिल हैं।
इसके अतिरिक्त दिनांक 05.08.2024 को लगभग 509 लोगों को केदारनाथ जी से पैदल मार्ग द्वारा लिंचौली लाया गया तथा लिंचौली से हेलीकॉप्टर के माध्यम से चारधाम हेलीपैड, सिरसी हेलीपैड आदि स्थानों पर पहुंचाया गया। इसके अतिरिक्त गौरीकुण्ड से सोनप्रयाग होते हुए 584 यात्रियों को तथा चौमासी होते हुए 172 यात्रियों को निकाला गया। इस प्रकार कुल 1401 यात्रियों को बचाया गया।
इस प्रकार दिनांक 05.08.2024 की शाम तक केदारनाथ धाम से 274 लोग, लिंचौली व भीमबली से 2918 लोग तथा चिड़बासा (गौरीकुंड) से 75 लोग, इस प्रकार कुल 3267 लोगों को एयरलिफ्ट कर गुप्तकाशी, चारधाम हेलीपैड, गौचर हेलीपैड, सिरसी हेलीपैड आदि स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है।
अभी तक भीमबली व लिंचौली से कुल 739 लोगों को पैदल मार्ग से चौमासी कालीमठ तक पहुंचाया जा चुका है। इसी प्रकार गौरीकुंड से सोनप्रयाग तक कुल 7769 लोगों को वापस लाया जा चुका है। इस प्रकार दिनांक 05.08.2024 को शाम 05:00 बजे तक कुल 11,775 लोगों को सुरक्षित वापस लाया जा चुका है।
फिलहाल गौरीकुंड से सभी को सुरक्षित बचा लिया गया है। अभी तक कोई यात्री नहीं है।
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