Gairsain News : अधिवास एवं भू-कानून की मांग को लेकर स्वाभिमान मंच के बैनर तले प्रदेश में चलाए जा रहे विभिन्न आंदोलनों के तहत 2 अक्टूबर को गैरसैंण रामलीला मैदान में उत्तराखंड के शहीदों की आत्मा की शांति के लिए “श्राद्ध एवं तर्पण” का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
कार्यक्रम में आम जनता से बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील करते हुए स्थाई राजधानी संघर्ष समिति के अध्यक्ष नारायण सिंह बिष्ट ने कहा कि इस बार चौदसी श्राद्ध की तिथि 2 अक्टूबर को है और इसी दिन रामपुर तिराहा कांड में 7 आंदोलनकारी भी शहीद हुए थे, जिसके लिए उत्तराखंड के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सभी शहीदों की याद में सामूहिक “श्राद्ध-तर्पण” कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। साथ ही सरकार की “बुद्धि-शुद्धि” के लिए रामलीला मैदान में यज्ञ भी किया जाएगा। जिसके लिए सभी क्षेत्रवासियों से अपने घरों से जौ, तिल, गाय का दूध, गाय का घी, दूर्वा, कुंज, जौ का आटा, आम-पीपल की लकड़ियां लाने का आह्वान किया जा रहा है।
2 अक्टूबर को “श्राद्ध-तर्पण” के बाद डोमिसाइल और भूमि कानून लागू करने के साथ ही गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग को लेकर “जेल भरो” आंदोलन भी किया जाएगा। इस अवसर पर स्कूली छात्र-छात्राएं और महिला मंगल दल शहीदों की याद में जनजागरण के लिए गीत और नाटक प्रस्तुत करेंगे।
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कुंवर सिंह बिष्ट और व्यापार संघ के अध्यक्ष गैरसैंण सुरेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि कार्यक्रम के लिए पूरे प्रदेश से आंदोलनकारी यहां पहुंच रहे हैं, जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय निवासी भी शामिल होंगे। उल्लेखनीय है कि इसी माह 1 सितंबर को आयोजित स्वाभिमान रैली में उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों से 5 हजार से अधिक आंदोलनकारी गैरसैंण पहुंचे थे और मूल निवास भूमि कानून और स्थायी राजधानी की लड़ाई के लिए बड़ा जनांदोलन शुरू किया था। राज्य गठन के 24 वर्षों में गैरसैंण के इस सबसे बड़े आंदोलन ने जहां राजनीतिक दलों और सरकार के सामने सवाल खड़े किए, वहीं आम लोगों को अपनी ताकत पहचानने का मौका भी दिया। इससे उत्साहित आंदोलनकारी एक बार फिर गैरसैंण से सरकार को घेरते नजर आएंगे।
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