देहरादून: जुलाई में प्रदेश में मांग 6.2 करोड़ यूनिट तक पहुंची, इसलिए बिजली बिल महंगा आएगा। ईंधन एवं विद्युत खरीद लागत समायोजन (एफपीपीसीए) के तहत उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने उपभोक्ताओं से 14 करोड़ 21 लाख रुपये वसूलने की अनुमति दे दी है।
केंद्र के नियमों के अनुसार अब यूपीसीएल तय मूल्य के मुकाबले जिस दर पर बिजली खरीदता है, उसकी कीमत उपभोक्ताओं से वसूली जाती है। यूपीसीएल ने नियामक आयोग में याचिका दायर की थी, जिसमें बताया गया था कि दिसंबर, जनवरी और फरवरी तिमाही में यूपीसीएल द्वारा खरीदी गई बिजली का 14 करोड़ 21 लाख रुपये बकाया है। यूपीसीएल ने आयोग से इसकी वसूली की मांग की थी। आयोग के अध्यक्ष एमएल प्रसाद ने जुलाई के बिल में यह राशि वसूलने की अनुमति दे दी है। साथ ही यह भी निर्देश दिए कि इसका रिकॉर्ड अलग से रखा जाए। इसके अनुसार जुलाई के बिल में प्रति उपभोक्ता चार पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी होगी।
प्रदेश में बिजली की मांग ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। गुरुवार को मांग 6.2 करोड़ यूनिट तक पहुंच गई। यूपीसीएल के निदेशक परिचालन एमआर आर्य ने बताया कि इतनी मांग के मुकाबले पूरी उपलब्धता है। उन्होंने बताया कि चारधाम यात्रा को देखते हुए सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने उपभोक्ताओं से बिजली बचाने की अपील की।