Uttarakhand News (देहरादून) : नई स्कीम के तहत प्रदेश के 24 हजार पुलिसकर्मियों को स्मार्ट कार्ड का फायदा मिलेगा और कार्ड जारी होने के बाद जीएसटी में 50 प्रतिशत तक की छूट मिलेगी। लेकिन अब पुलिस वाला या फिर उसका परिवारिक सदस्य ही खरीदारी कर सकता है। अब सिपाही स्मार्ट कार्ड से ही पुलिस कैंटीन में खरीदारी कर सकेंगे।
नई योजना के तहत राज्य के 24 हजार पुलिसकर्मियों को स्मार्ट कार्ड का लाभ मिलेगा और कार्ड जारी होने के बाद उन्हें जीएसटी में 50 प्रतिशत तक की छूट मिलेगी. लेकिन अब केवल पुलिसकर्मी या उसके परिवार का सदस्य ही खरीदारी कर सकता है।
Police Smart Card Scheme
जिस तरह भारतीय सेना के जवानों को कैंटीन से खरीदारी करने के लिए ‘स्मार्ट कार्ट’ का इस्तेमाल करना पड़ता है, उसी तरह उत्तराखंड पुलिस अपने जवानों को एक नई सुविधा देने जा रही है। इसी तर्ज पर अब प्रदेश के 24 हजार पुलिसकर्मियों के स्मार्ट कार्ड बनाये जायेंगे. जिसके चलते अब जवान स्मार्ट कार्ड के जरिए ही पुलिस कैंटीन में खरीदारी कर सकेंगे। स्मार्ट कार्ड से केवल पुलिसकर्मी या उसके परिवार का सदस्य ही खरीदारी कर सकता है।
राज्य के हर जिले में एक पुलिस कैंटीन स्थापित की गई है, जहां से पुलिस, अर्धसैनिक बल के जवान, होम गार्ड और उनके परिवार के सदस्य सामान खरीद सकते हैं। अभी तक यह व्यवस्था थी कि कोई भी व्यक्ति अपने परिचित का नाम रजिस्टर में लिखवाकर अपनी पसंद का सामान खरीद सकता था, लेकिन स्मार्ट कार्ड बनने के बाद अब यह संभव नहीं होगा।
केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार के निर्देशानुसार राज्य भर में कैंटीन से सामान खरीदने वाले पुलिस, अर्धसैनिक बल और होम गार्ड कर्मियों सहित सेवानिवृत्त कर्मचारियों से एक फॉर्म भराया जा रहा है। इसके बाद फॉर्म केंद्रीय पुलिस कल्याण स्टोर को भेजा जाएगा, जहां से उन्हें स्मार्ट कार्ड जारी किया जाएगा। इस कार्ड के आधार पर ही सामान उपलब्ध कराया जाएगा।
50% GST पर मिलेगी छूट
पुलिसकर्मियों के लिए अच्छी बात यह है कि कैंटीन कार्ड जारी होने के बाद उन्हें जीएसटी में 50 फीसदी तक की छूट मिलेगी. जो सामान लोग अब तक महंगे दामों पर खरीद रहे थे, वह अब उन्हें काफी सस्ते दामों पर उपलब्ध होगा। इसके साथ ही कई अन्य तरह की छूट भी दी जाएगी.
नहीं मिलेगा लिमिट से ज्यादा सामान
कैंटीन से सामान खरीदते समय स्मार्ट कार्ड का प्रयोग अनिवार्य होगा। इस कार्ड के आधार पर ही सामान मिलेगा, जिसमें सामान की खरीद पर लागू होने वाले नियम और दरें निर्धारित होंगी। अब उतना ही सामान मिलेगा जितना केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार तय करेगा।